Working very hard, to help the person in need.
हमारी गतिविधियां
विकलांगता के क्षेत्र में विशेष योग्यजनों के अधिकारों एवं उनके सशक्तिकरण के उद्देश्य से सपोर्ट फाउंडेशन फॉर ऑटिज्म एंड डेवलपमेंटल डिसेबिलिटीज की स्थापना जून 2019 में की गई थी। समाज को विशेष योग्यजन और उनकी समस्याओं के प्रति जागरूक करना, स्वयं विशेषयोग्यजनों को उनकी समस्याओं एवं उनके अधिकारों के प्रति सचेत करना एवं उनके अभिभावकों की समस्याओं को हल करने व उनकी आवाज बनकर विशेषयोग्य जनों के समग्र कल्याण हेतु यह फाउंडेशन लगातार प्रयासरत है।
सपोर्ट फाउंडेशन द्वारा दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 जैसे महत्वपूर्ण विषय के नियम राजस्थान में समय पर लागू हों तथा राज्य की प्रक्रियाधीन भर्तियों में दिव्यांगों को 4% आरक्षण हेतु कोर्ट में दायर जनहित याचिका के माध्यम से यह बढ़ा हुआ आरक्षण राज्य में सुनिश्चित करवाया।
राज्य में नर्सिंग भर्ती -2 में चलन निःशक्तता अन्य के सैकड़ों दिव्यांगों को भर्ती में आरक्षण नहीं मिलने पर राजस्थान हाई कोर्ट जयपुर बेंच में जनहित याचिका दायर की गई है (फरवरी 2020)जिसके अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकार के संबंधित विभागों को इस मामले में नोटिस जारी हो चुके हैं।
दिव्यांगों के वर्षों से खाली रहे पदों को नई भर्तियों में जोड़ने की मांग संस्थान द्वारा शुरू से ही की गई ।अंतत 2020 में दिव्यांगों के बैकलॉग के पद जोड़ने शुरू हो गए हैं ।संस्थान इस विषय पर अभी भी लगातार कार्यरत है।
देशभर में जब कोरोना की वजह से मार्च, 2020 में लॉकडाउन लगाया गया तो राजस्थान के दिव्यान्गजनो की समस्या विकट होने लगी । संस्था द्वारा 4 विशेषज्ञों की एक कोर टीम बनाई गई जिसमें ऐसी व्यवस्था की गई कि सभी दिव्यान्ग अपनी तकलीफ संस्था तक पहुँचा सके । मूकबधिर साथियों हेतु भी वीडियो कॉलिंग के जरिए उनकी समस्याएं सुनने हेतु दिल्ली में कार्यरत वरिष्ठ सहायक आचार्य एवं इंटरप्रेटर श्री राकेश अग्रवाल ने दिव्यांगों की समस्याओं को लेकर उन्हें हल करना शुरू किया। यह पूरे राजस्थान की एकमात्र हेल्पलाइन बनी जिससे सभी प्रकार के दिव्यांगों ने संपर्क किया एवं संस्था ने उनकी समस्याओं को संबद्ध विभागों तक पहुंचा कर उन्हें हल करवाना शुरू किया।
सपोर्ट हेल्प लाइन द्वारा इस दौरान किए गए प्रमुख कार्य इस प्रकार रहे :
जरूरतमंद दिव्यांगों में सूखा राशन वितरण, लॉकडाउन में दिव्यांग कर्मचारियों की ड्यूटी निरस्त करवाना, ट्रांसफर निरस्त करवाना, रुके हुए वेतन दिलवाना, लॉकडाउन में बहुत से पीडब्ल्यूडी हेतु पास की व्यवस्था करवा कर उनके मूल निवास स्थान पहुंचाना ।एक मानसिक दिव्यान्ग के अभिभावक जो लॉकडाउन में अजमेर में डेढ़ माह से ज्यादा समय के लिए फंस चुकी थी उन्हें वापस अपने मानसिक दिव्यांग बेटे के पास पहुंचाया गया।
लगभग 1000 से भी अधिक दिव्यान्ग सपोर्ट हेल्पलाइन से इतने अल्प समय में विपरीत परिस्थितियों में लाभान्वित हो चुके हैं ।दिव्यांगों की बढ़ती समस्याएं एवं उचित व्यवस्था के अभाव के कारण संस्था ने इस हेल्पलाइन को लॉक डाउन के बाद भी अनवरत रूप से चलाने का निर्णय किया है।
अपने सीमित संसाधनों के बावजूद इतनी अल्पावधि में सपोर्ट हेल्पलाइन के द्वारा जिस तरह से सभी प्रकार के दिव्यांगों को लाभान्वित किया गया यह पूरे राजस्थान ही नहीं देश भर में एक अनूठा उदाहरण है।
संस्थान दिव्यान्गजनो को कानूनी सहायता देने में अग्रसर रही है। राजस्थान में सपोर्ट फाउंडेशन एक मात्र स्थान है जो दिव्यांगों हेतु बने हुए नियम और नीतियों पर काम कर रही है और दिव्यांगों के रास्ते के अवरोध हटाने हेतु निरंतर प्रयासरत है। इसी कारण अल्प समय में ही सपोर्ट फाउंडेशन फॉर ऑटिज्म एंड डेवलपमेंटल डिसेबिलिटीज संस्था दिव्यांगों के हित एवं सशक्तिकरण की दिशा में आवाज उठाने का एक सशक्त माध्यम बन चुकी है।